चकमेली साहित्यिक शृङ्खला उसरल

सागर कुश्मी/धनगढी।

थारु भाषा साहित्यहे नियमित मासिक साहित्यिक शृङ्खला भाग ४ चकमेली बजार धनगढीमे उसरल बा । थारु युवा श्रष्टाके सक्रिय सहभागिता होके टमान विधाके साहित्य वाचन करके साहित्य शृङ्खला उसरल हो । कार्यक्रममे जंग्रार साहित्यिक बखेरीके संयोजक सोम डेमनडौरा फोन मार्फत आपन डम्डार रचना वाचन करले रहिट । उहाँ आपन श्रृङ्गारिक मुक्तक सुनाके कार्यक्रमहे चौकस बनैले रहिट ।

ओस्टके बर्दियाके युवा गजलकार ठाकुर अकेला खेत्वामे मेरवा बहन्टी बहन्टी थारु संस्कृति झल्कनाके भाषा संस्कृति उजागर करना मेरके गजल प्रस्तुत करले रहिट । ओस्टके दाङके युवा स्रष्टा विष्णु कुसुम बर्खाहा झरीहे सम्झटी बर्खाहा दुःख भुलैनाके साथे बरसभरिक बख्खारी बहन्ना मेराइक बहुट मार्मिक गजल वाचन करले रहिट ।

आपन पह्राइके सिलसिलामे काठमाडौंमे बैठ्टी रहल स्रष्टा इन्द्र चौधरी घरसे दुर बैठ्के आपन भोगल दुःख पिडा गजल मार्फत प्रस्तुत करलै । कार्यक्रममे कञ्चनपुरके स्रष्टा पुष्पा चौधरी ओ विशाल भगोरिया थारु चालचलन, रीतिसंस्कृति बचाइ परल कना मेरके सन्देश बोकल रचना सुनैले रहिट ।

कार्यक्रममे कञ्चनपुरके स्रष्टा भावना चौधरी फेन गीत गाके कार्यक्रमहे चौकस बनैले रहि । साहित्यकार सुगम चौधरी, कृष्णा चौधरी, सागर कुश्मी ‘संगत’ लगायत एक दर्जन स्रष्टा लोग आपन आपन रचना वाचन कैले रहिट । हरचाली त्रैमासिक पत्रिकाके आयोजनामे हुइल कार्यक्रम अइना साहित्यिक श्रृङ्खला बाहर जिल्लामे फेन हुइना श्रृङ्खलाके योजनाकार तथा हरचाली त्रैमासिक पत्रिकाके सम्पादक सागर कुश्मी जानकारी देलै ।




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