कृष्णराज सर्वहारी–  संविधानसभाके निर्वाचन–२ से पहिले नेपाली कांग्रेसबाहेक एमाओवादी, एमाले ओ ढेर मधेशी दल फेन देखावा रुपमे हुइलेसे फेन थरुहट प्रदेशके पक्षमे रहिंट। मने पार्टी थरुहटके खाका नन्लो पर एमाओवादीक् ओ एमालेक वरा–वरा नेतालोग थरुहटके विरुद्धमे ठहि्रयइलाँ।
खासकैके २०६९ वैशाखमे कैलाली, कञ्चनपुरहे अखण्ड सुदुरपश्चिममे गाभे पर्ना वकालत एमाओवादी, एमालेक् नेता कर्ला, थरुहटके पक्षमे कब्बो नै रहल काँग्रेस ट कर्ने हुइल। संविधानसभा–२ मे कांग्रेस, एमाले ढेर सिट जिट्लाँ, उहेसे जातीय राज्यके पक्षमे जनता नै कैहके पेपरबाजी हुइटी बा। जबकि थरुहट, लिम्बुवान, तमुवानके आवाज उठुइया जनजातिलोग इही भूगोलके ओ पहिचानके नाउँके रुपमे चिन्हैठा। मने थरुहट, लिम्बुवान, तमुवान प्रदेश के खाका अब्बे साँसटमे परल बिल्गाइटा। लिम्बुवान प्रदेशके जोडतोडके साथ वकालत करुइया कुमार लिङदेन सम्बद्ध मञ्च अप्की चुनाव बहिष्कार करल। थरुहटके लग वकालत करुइया थरुहट तराई पार्टी नेपाल सन्तोषजनक मत लाने नै सेकल।
थरुहट तराई पार्टी नेपालसे गोपाल दहित ओ गंगा थारूक् नाउँ समानुपातिक सभासदमे छानगैल समाचार आइल बा। संघीय लोकतान्त्रिक राष्ट्रिय मञ्च (थरुहट) से अध्यक्ष रुक्मिणी चौधरी अपन नाउँ सिफारिश कर्बे करही। पुस  २ गतेसम समानुपातिक सभासदके नाउँ निवार्चन आयोगमे पठाइ पर्ना म्याद ठपगैल कारण एमाले, कांग्रेस कसिन कसिन ओ कठेक अनुहार पठैटी बटाँ, अनुमान कर्ना कर्रा बा। एमाओवादी टे चुनावमे धाँधलीके छानवीन नै हुइटसम समानुपातिक सभासदके नाउँ जो नै पठैना कैहके अडान लेले बा। जवकि थारू कल्याणकारिणी सभाके केन्द्रिय अध्यक्ष ऊ पार्टीसे समानुपातिक सभासद बन्ना कैहके गोरा उठाके बैठल बटाँ।
समानुपातिक सभासद होके उठुइयन पार्टीसे टीका लगाके अउइयन् हुइट। ओइने पार्टीक विचार जो ढरुइया हुइट। उहेसे एमाले, कांगे्रससे समानुपातिक सभासद बनुइयन टे का प्रत्यक्षमे जिटके अउइयन फने थरुहटके पक्षमे खुलके वकालत करही कना अश्रा करे सेक्ना ठाउँ नै हो। पहिला संविधान सभामे थरुहटके पक्षमे रुक्मिणी चौधरी खुलके अकेली लग्ली कनामे दुई मत नैहो। वाणिज्य तथा आपुर्ति मन्त्री रहल बेला लेखराज भट्ट एमाओवादी पार्टी मही कार्बाही करि टे करि, मने कैलाली कञ्चनपुरहे अखण्ड सुदुरपश्चिममे बनैना चाही कना वकालत करक नै छोरम कना पत्रकार सम्मेलन मार्फत फेन हल्लाबोंग करल। मने टब्बेहे बाणिज्य तथा आपुर्ति राज्य मन्त्री रहल विष्णु प्रसाद चौधरी भट्टहे चुनौती डहेे नै सेक्लाँ, एमाओवादी भातृसंगठन थारूवान राष्ट्रिय मुक्ति मोर्चा थरुहटके पक्षमे टब्बे करल पत्रकार सम्मेलनमे जाइक फने डरैलाँ। अप्की उहाँ प्रत्यक्षमे नाही कि समानुपातिक सभासद उम्मेदार हुइलाँ। उहाँ फेन डोस्रे सभासद छानजैही कलेेसे थरुहटके पक्षमे जमके वकालत करही, करे लगैही कना अश्रा कर्ना ठाउँ नै हो। अखण्ड सुपके  वकालत कैके कैलालीमे चुनावमे उठे आइल लेखराज भट्टहे टे कैलालीबासी विदा कैडेलाँ, मने उहे बिचार बोकुइया शेरबहादुर देउवाहे कैलालीमे स्वागत कैके दुईअर्थी सन्देश डेलाँ।
मधेशीन्से कन्ढामे कन्ढा नै मिलाइटसम थरुहटके फेन कल्याण नैहुइ कना सांेच रख्टी फोरम लोकतान्त्रिक मे छिरल लक्ष्मण थारू भल्ही अपने प्रत्यक्ष चुनावमे हार गैलाँ मने अपन जिल्ला कैलालीसे २ जन्हन जिटैना सफल हुइल बटाँ। समानुपातिकमे १० सिट नानल फोरम लोकतान्त्रिकमे भागबण्डा करेबेर ढेर थारू समानुपातिक सभासदमे छनौट हुइही कना ठाउँ नै हो। सभासद रहिट या ना रहिट थरुहटके वकालत करुइया लक्ष्मण थारूक् डगर थरुहटके लग ना डगमगाइन् कना अश्रा करी।
इहिसे पहिले थारू गैरसरकारी संस्था महासंघके अध्यक्षके हैसियतसे गोपाल दहित हुइट या थारून्के छाता संगठन थारू कल्याण कारिणी सभा होए, कोइ फेन एक्के ठेन थारू सभासद लोगन् थरुहट प्रदेश प्रति टुहिनके अवधारणा का हो, जुटाई नै सेकल अवस्था हो। वेन से समन्वयकारी भूमिका लक्ष्मण थारूके रहे। आब हेर्ना बाँकी बा, अप्की थरुहटके वकालतके लग सक्कु थारू सभासद एकजुट हुइना चाही कैहेके समन्वयके भूमिका के खेलठ? साँसटमे परल थरुहट प्रदेशके लग एकमुष्ट आवाज उठाइक लग के आगे सरठ? संविधानसभा–२ के चुनावसे पहिले लक्ष्मण थारू, गोपाल दहित, रुक्मिणी चौधरी एक आनक ठोबर नै हेर्ना बातहे लिलके एमाले, कांग्रेस, एमाओवादी बरा दलसे सभासद रहल थारून्हे एक झोका आपन पार्टीम् थरुहटके लग आवाज उठाइ कैहेके दबाब डिँट कना कामना बा।
साभारः मंसिर १, गोरखापत्र दैनिक




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