थारु गजल (मैइ मैया )
मैइ मैया कर्ख तु महिन घायल बनिलो ।
बिच दग्रीम छोर्ख तु महिन पागल बनिलो ॥
तुहिन आपन सोच्ख देनु दिल कर्नु मैया ।
तु चाहिँ मोर मैयान आपन घिर्ना बनिलो ॥
देरख्नुहु चोव्खा मैया दिहेम कहु साथ तुहिन ।
तु चाहिँ महिन चैत, बैशाख खोल्ह्वा बनिलो ॥
मैया म फे हुईना रठा यीहा छल कपट ।
मोर चोखो मैयन समाज के आघ झुटो बनिलो ॥
चाहाट तुहार रह और तुहार महिसे पुरा करीलो ।
महिन तर खसाकन आपन समाजके उपर् बनिलो ॥
राम पछलदङग्याँ अनुरागी
दाग्ङ हेकुलि ८ हेकुली
हाल:- बिछोडको बस्ती
Facebook Comment