सुरेश चिया पसलमे रहल जमघट।
सुरेश चिया पसलमे रहल जमघट।

अविनाश चौधरीधनगढी- झलक्क झुल्कल बिहनियाँसंग मनैनके जमघट हुईल। बिहान ओ चाह दुनु परिपूरक रहल आभास हुईल दृश्य लेके। एक हाथमे चाह गिलास। दोसर हातले कानमे लागल मोबाइलमे वार्तालाप हुइटी बा। ‘हमार पार्टी हे यी फेरा सम्झवी’। अखण्ड नेपाल पार्टीके कैलाली जिल्ला अध्यक्ष सुरेन्द्र बमके फोनमे यी मेरिक गफगाफ हुईटी रहल बेला कैलालीके धनगढी स्थित एलएन चौकमे रहल सुरेश चाह दुकानके वातावरण चुनावमय रहे। जमघटमे रहल चियाके चुस्की लेटी फलाना जित्ना वा हट्ना बारेमे गफ मर्ती रहिंट। नेता लोग आपन कार्यकर्तन निर्देशन देना ओ चिन्हलजानलहुक्रनसंग फोनमेसे भोट मंग्ना काम हुईटी रहल बा। कुछदिन यहोंर, ऊ चाह दुकानके वातावरण अस्ते बा।
मेनरोडमे मनैनके आउजाउ खचाखच हुईल। चाह दुकानके उत्तर ओंर रहल एकथो अस्थायी कार्यालयमे कार्यकर्तन्के भीड बा। नेपाली काँग्रेस पार्टी क्षेत्र नम्बर छ के उम्मेदवार वरिष्ठ नेता शेर बहादुर देउवाके प्रचार करकलाग हौसल देखपरथैं कार्यकर्ता।
गैलक कुछ दिनसे सुरेश चाह दुकानमे चुनावी बहस खोब हुईटी रहल बा। आइलहुक्रे एक/दुई गिलास चाह पिटी आ–आपन् पार्टीके जीत सुनिश्चितताके लाग रणनीति, योजना, प्रचार प्रसारबारे गफ मारल सुरेश गुप्ता बटैलैं। उहाँ थप्लैं–“एकीकृत नेकपा माओवादी, काँग्रेस, एमाले पार्टी सहित भारी–छोट सक्कु पार्टीक् नेता कार्यकर्ताके जमघट चाहसंगे मोर दुकानमे हुइटी बा।” उहाँके अनुसार आ–आपन कार्यकर्ता सहित आइल नेताहुक्रे चाह पिटी चुनावी बातमे व्यस्त हुईथैं।
पाकल चाहके बास ह्वास्स नाकसम् पुगथ। मनैनके भीड थप्टी गैल बा। शेर बहादुर देउवाके चुनावी प्रचार प्रसार कार्यालय लग्गे रलक ओरसे भिर नै रना ते सवाले नै उठत्। दुकन्दरुवा सुरेश गुप्ता चाह बनैना ओ मनैनके हाथ–हाथमे देनामे व्यस्त देखा परथै।
सुरेश चाह दुकानमे आजकल मेरमेरिक नेता कार्यकतन्के जमघट हुइटी रहल लग्गेहे फलफूलके व्यापार कर्ना व्यापारी जुल्फीकार अहमद सुनैलाँ। चाह पिना बहानामे बातचितके लाग दुकान उपयुक्त रहल उहाँके कहाई बा।
पार्टी आबद्ध नेता कार्यकतनके आउजाउ हुईटी बा। चुनावी गतिविधी बुझकलाग समय–समयमे पत्रकारनके सहभागिता फेन हुईटी रहल देख परथ। चुनावी गफ ओ बीच बीचमे हुइना गललल हाँसीसे चाह दौडधुपमे रहल दकन्दरुवा सुरेश गुप्ता थकल नै देख परथाँ।
निर्वाचन पारो तातलपाछे दुकन्दरुवा गुप्ता जहान बिहानेसे बेरुजुनसम् काममे व्यस्त रहल लग्गक एक छिमेकी (नाउँ गोप्य रख्ना सर्त) बटैली। उहाँ सुरेश चाह दुकानमे दलीय नेता तथा कार्यकर्ताके चहलपहल बढलपाछे चाह पिये अउइया सर्वसाधारणहुक्रनके चाँप घटल जनैली।
चुनावी झण्डा बोकल गाडी हुर्र आइथ। ओम्नेसे उतरके कोई गफ मर्थै आपन पारामे। कोई छिर्थै फेन चाह दुकानमे। बिहान होये या साँझ पसलमे प्रायः भीड बा। मने, अवस्था थोरा फरक। आजकल सर्वसाधारण ग्राहक कम बटाँ, नेता कार्यकर्ता धेउर।
चाह पसले गुप्ता २०६४ सालके चुनावके बेलम फेन काँग्रेस कार्यकर्ता थोरा ज्यादा आपन दुकानमे अइलक स्मरण कर्ला। उहाँ अब्बे फेन चाह चुस्कीमे अउइयामे काँग्रेसी धेउर रहल कहती थप्लाँ–“मोर फेन ओ व्यापार ओ व्यस्तता बढल बा।” संविधान सभाके दोसर निर्वाचन हुईना तिथि लग्गे अइटी रहल बेला धनगढीके तमानिक चाह दुकानमे ओ जमघट हुइना ठाउँमे चुनावके चर्चा हुईटी रहल बा।
आजकलिक झुम्की दिन। झमक्क साँझ परथ। मनै आपन–आपन घरे ओंर लग्थैं। साँझ हुईलसंगे चाह बेचल पैसा सहेर्ती सुरेश चाह दुकान फेन बन्द हुईथ, औरे लावा दिन हुइना असरा लग्टी।




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