लावा बरसके सकारात्मक प्रतिज्ञा
शत्रुघन चौधरी- आज नेपाली कलेण्डर अनसार लावा बरस के शुरुवातके दिन। सबके घरघरके भितामे पुरान कलेण्डरके ठाँउमे लावा कलेण्डर ठाँउ पासेकल हुइ। हुईना टे थारून्के लावा बरस माघीहे कैहजाइठ। लेकिन आजटक माघ १ गते हे आधार मानके थारू तिथि, मिति, साल हुईलक थारू सम्बतके कलेण्डर अभिनसम नैडेख्गैलहो। यी एकठो परम्परागत हिसाबसे किल चल्टी अइलक लावा बरसके रुपमे हम्रे माने सेक्ठी। आबक लग बैशाख १ गते जो सबके लग व्यावहारिक ओ मन्टी अइलक लावा बरस हो।
समय आपन गतिमे डौरटी रहठ। हरेक बरस पुरान साल जाइठ, लावा साल आइठ। लावा सालके स्वागतमे बैशाख १ हरेक समूहके मनै एकठन बैठके चुक्की, पिकनिक खाके खुशियाली मनैना, एकआपसके सुखदुःख बाँडचुडके मनाजाइठ। विशेषकैके आजकल थारू समुदायमे गाउँघरमे फेन लावा बरस मन्ना प्रचलन बहुत बह्रल बा।
लावा बरसहे ढेरहस खापिके मनोरञ्जन कैना हिसाबसे किल लेहल विल्गठ। गैलक सालमे आपन जिन्गीम का का उपलब्धी हासिल कैली, का का मजा हुईल? आपन जिन्गीम का बदलाव आइल? समीक्षा बहुट कमे मनै करठुईही। अस्टके आब लावा बरसमे का कैना योजना बनैना, आपन जिन्गीम करे सेक्ना लावा काम का कैना, आपन जिन्गीक लक्ष्य बनैना काम फेन ढेर मनै नै कैठाँ। टे, लावा बरसहे उत्साहवर्द्धक, उपलब्धीमूलक बनाईकलग कैसिन प्रतिवद्धता करे सेक्लेसे मजा रही आइ कुछ चर्चा करी।
लावा बरसमे खैना, पिना मनोरन्जन पकल नै कैके विट्लक सालके समीक्षा कैना ओ आगामी दिनमे आपन लक्ष्य निर्धारण कैना फेन दिन हो लावा सालके रोज। आपन व्यक्तिगत जिन्गी, परिवार, समुदायके लग कुछु कुछ लावा काम कैना प्रतिज्ञा कैना दिन फेन हो लावा बरस। यकरलग आजुसे सकारात्मक सोंचके साथ सकारात्मक लक्ष्य बनाई। यदि सकारात्मक ढंगसे हम्रे आपन जिन्गीक लक्ष्य बनाई सेकब ओ लक्ष्य अनुसार आगे आपन कर्ममे इमान्दारीके साथ अपनहे विश्वास कैके लागे सेक्लेसे अवश्य फेन सकारात्मक नतिजा पाइ सेक्जाईठ ओ लावा बरसहे आउर उपलब्धीमूलक बनाई सेक्जाइठ। आपन मनेम रहल कुबिचारहे लडियम पुहा डी, घमण्डहे आपनमे कहुँ जगा ना डी, यदि आपनमे खराब बान बा कलेसे आजुसे उही हटैना प्रण करी, आपन समुदायक लग कुछ कैना सांेच बनाई। अत्रा किल करे सेक्लेसे मोर विचारमे लावा बरसमे कुछ ना कुछ बदलाव जरुर आई।
हरेक मनैनके कुछ ना कुछ क्षमता रहठ। उ क्षमताहे पहिचान करे सेकेपरठ। मनैनके जिन्गीम सफलता असफलता डुनु रहठ। लेकिन सफलताहे विस्राके सफलतक् घटनाहे मनन कैलेसे आगे बह्रना उर्जा डेहठ, प्रेरणा मिलठ। हम्रे आपन मनमे अपनेहे एक प्रश्न करी– “मै कौनो कामेम सफलता हासिल कैलुँ टे ओकर पाछे का कारण रहे? का कारणसे मै आपन काममे सफल हुईलुँ?” आदि प्रश्नमे केन्द्रित रलेसे कौनो फेन चिटैलक काम पूरा हुईठ।
वास्तवमे यी सत्य बात हो, आपन दैनिक जिन्गीम समस्या किल हेर्लेसे जिन्गीक हरेक पैलामे समस्से समस्या विल्गठ। समस्या हेर्लेसे मनैनहे यी मेरके डाबठ की उठ्ना महा कर्रा परठ। लेकिन जिन्गीम कुछ ना कुछ सफलता फेन हाँठ लागल रहठ। सफलता खोज्टी जैवी टे सफलताके खिस्सा जरुर मिलठ। अइसिक सफलता खोज्लेसे मनहे खुशी, सुखी बनैना मदत करठ। गाउँ समाजमे आपन कैलक मजा काम, आपन घर, लर्कापर्कन्के लग कैलक मजा काम, गाउँघरेम रलक अवसर, उपलब्धी, आपन क्षमताहे सम्झबी कलेसे उ आगे बह्रना जरुर उर्जा डि। उहेक मारे सकारात्मक सोंचके एकठो मान्यता बा, जब फेन आपन मजा कामहे किल सम्झना चाही। अस्टके यदि हम्रहीन आपन सपना वा परिकल्पनामे पूरा विश्वास बा कलेसे आपन खोजल अनुसार सफलता पाई सेक्जाइठ। एकठो हुईलक घटना सुनी–“दुईठो वेरम्यन डक्टरके ठन कपार बठैलक ओरसे जँचाइगैलाँ लेेकिन डक्टर एकजनहन कपरवट्ठीक डवाई डेहल, डोसर जनहन चिनीक चक्की डेहल। मने बादमे डुनु विरामी ठिक हुगैलाँ। का करे की डुनहुनहे डाक्टर पर पूरा भरोसा रहिन्।”
टप पाँच भित्तर रहल संसारके सबसे धनी मनैया विल गेट्सके कहाई बटिस– “गरीब हुके जलम लेनामे मनैनके दोष नै हो, लेकिन गरिब हुके मुनामे मनैनके अपने दोष हो।” ओहेकमारे हरेक मनैनके सोचाई ओ लक्ष्य जब फेन महान हुइना चाही। उ चाहे जत्रा गरीब ना होए, जब फेन आशावादी हुईना चाही।
डोसर मान्यता का बा कलेसे सकारात्मक सोचाई कैलेसे सकारात्मक विचार बनठ, मनमे सकारात्मक विचार कैलेसे सकारात्मक प्रश्न आइठ, सकारात्मक प्रश्न आईठ टे उत्तर फेन सकारात्मक आईठ, सकारात्मक उत्तर आईठ टे सकारात्मक अन्तरक्रिया हुईठ, सकारात्मक अन्तरक्रिया हुईठ टे सकारात्मक निष्कर्ष निक्रठ, सकारात्मक निष्कर्ष निक्रठ टे सकारात्मक योजना बनठ, सकारात्मक योजना सकारात्मक/प्रभावकारी कार्यन्वयन हुईठ, सकारात्मक कार्यन्वयन – सकारात्मक नतिजा लानठ, सकारात्मक नतिजा पुरे गाउँ समाजहे सुखी बनाइठ। ओहेकमारे आजुसे सबजे सकारात्मक सोचाई लेके आपन आपन कर्तव्यक डगरेम लग्ना प्रतिज्ञा करी। हरेक पेशा व्यवसायमे लागम मनै आपनमे रलक सकारात्मक उर्जाहे आपन व्यक्तित्व विकासमे लगाई, वुद्धिजीविलोग गाउँ समाजके लग कुछ ना कुछ योगदान कैना प्रतिज्ञा करी, मनमे हरदम असल बिचार बोकी, कुछ लावा रचनात्मक सोच बनाई, आपन एकठो लक्ष्य निर्धारण करी, एकडोसरमे सहयोगी भावना सिर्जाइ। अत्रा करे सेक्लेसे जरुर सबकेलग लावा साल फलदायी रही।
अन्तमे, सक्कुजने यी लावा सालमे आपन व्यक्तिगत जिन्गीम, आपन घर परिवारके लग कुछ ना कुछ लावा काम कैना प्रण करी। आपन गाउँ समुदायक लग कुछ काम कैना प्रतिज्ञा करी। छापे सेक्जाइठ कि नै, उ अलग बात हो। मने यी बरस मैं थारू संस्कृति झल्कैना कौनो बिधाके किताब तयार कर्ना प्रण करटुँ। अपनेलोग फेन थारू समुदायक लग कुछ योगदान डेना कसम खाइ, टब लावा साल मनैलक सार्थक रही। लावा बरस २०७० के सक्हुन ढेर ढेर शुभकामना।
shatrughan05@yahoo.com
साभारः २०७० बैशाख १, गोरखापत्र
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